कानपुर। कानपुर विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से भी छुपा नहीं है। हालांकि इस में तैनात अभियंता और सक्षम अधिकारी लगातार रूप से अपने क्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माणों के झंड से खद को पाक साफ बताने के दावे करते रहते हैं लेकिन गुरुवार को नौबस्ता मौरंग मंडी निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी ब्रम्हदेव राम तिवारी की नजर ज्यों ही आस-पास तनी बहुमंजिला निर्माणाधीन इमारतों पर पड़ी, वह हक्के बक्के रह गए। गौरतलब है कि हम पिछले काफी लंबे वक्त से कानपुर विकास प्राधिकरण के जोन 4 सनात अभिप से अपने में तों पर निर्भया के गुनाहगारों इमारतों से हो रहे राजस्व के नुकसान के बारे में चर्चा कर रहे थे जिस पर जब भी हमारे द्वारा जोन-4 के क्षेत्रीय अभियंताओं और प्रवर्तन प्रभारी से समन शुल्क वसूलने से संबंधित कोई भी सवाल किया जाता तो वह इस निर्माण से संबंधित प्रपत्र और फाइल को उच्चाधिकारियों के पास होने की बात कहकर अग्रिम कार्यवाही से खुद को अलग कर लेते। लेकिन गुरुवार को जब इन्हीं सक्षम अधिकारियों और अभियंताओं का सामना केडीए उपाध्यक्ष और जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी से हुआ तो इन निर्माणों को लेकर वहां मौजूद सभी जिम्मेदार जवाब देने की बजाय बगले झांकते दिख रहे थे। जोन-4 के कई अवैध राम सिवा और जिलाधिकारी ब्रह्मदेव गुनाहगारों को निर्माणों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने न सिर्फ एकाएक कई अवैध निर्माणों को रात्रि होने से पूर्व सील करने के आदेश दिए बल्कि सुबह होते ही उन्होंने इन निर्माणों के संबंध में हुई कार्यवाही का पूरा में विवरण देने की बात कहते हुए कड़ी फटकार भी लगाई। जिससे एक बात तो तय है कि कानपुर विकास प्राधिकरण के कई जिम्मेदार अभियंता और सक्षम अधिकारी हर बार हर विवरण न हुई कार्यवाही का पूरा में आज होगी फांसीअवैध निर्माण के संबंध में कार्यवाही न करने को लेकर पूरा दोषारोपण उच्च अधिकारियों पर मढ़ कर खद परे मामले से कन्नी काट लेते हैं जब कि केडीए उपाध्यक्ष की प्रतिक्रिया से तो यह साफ जाहिर होता है कि शहर में हो रहे इन अवैध निर्माणों से वे पूरी तरह से अनजान हैं। अब देखना यह है कि जिलाधिकारी के कड़े निर्देशों के बाद क्या शमन शुल्क के मामले में पीछे चल रहे श्याम नगर क्षेत्र से कानपुर विकास प्राधिकरण को लाखों में हो रुपए के राजस्व की प्राप्ति हो पाती है जिम्मेदार या फिर एक बार प्रवर्तन विभाग के ये शर्मनाक कार्यवाही के नाम पर गुमराह कर जिम्मेदार उच्च अधिकारियों को सिर्फ कार्यवाही के नाम पर गुमराह कर सीमित !