शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे |मख्यमंत्री पद की शपथ लेने को तैयार हैं, वहीं उनकी पार्टी ने राकांपा प्रमुख शरद पवार की तारीफ में बृहस्पतिवार को ढेरों कसीदे पढे और उन्हें राज्य की अगली सरकार का मार्गदर्शक |बताया ।भले ही शिवसेना हिंदुत्व विचारधारा में यकीन करती हो, |लेकिन राज्य में सरकार बनाने के लिए उसने राकांपा और कांग्रेस के साथ महा विकास अघाडी गठबंधन बनाया है। पिछले महीने हए विधानसभा चुनाव के बाद मख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर भाजपा के साथ हुई तकरार के बाद वह पार्टी से अलग हो गई। शिवसेना के मुखपत्र %सामना के एक संपादकीय में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन को आगे लाने में शरद पवार के प्रयासों को स्वीकार किया गया है। राकांपा प्रमुख ने अजित पवार से मंगलवार को बात कर उन्हें भाजपा को समर्थन देने के उनके फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था। उनके भतीजे के इस यू-टर्न का श्रेय पवार को ही दिया जा रहा है और उन्हें राज्य के सियासी ड्रामे का मैन ऑफ द मैच बताया जा रहा है। शिवसेना ने कहा, शरद पवार जैसे मजबूत एवं अनुभवी मार्गदर्शक हमारे साथ हैं। यह सरकार किसी के भी खिलाफ खराब मंशा के साथ काम नहीं करेगी। राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा के सरकार बनाने में नकाम रहने के बाद, शिवसेना ने राजनीतिक आयाम में हए इस परिवर्तन को महाराष्ट में नये सूर्योदय के समान बताया है। मराठी दैनिक में कहा गया, राज्य में खुशी के नये माहौल की तुलना 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिलने के समय पूरे देश को मिली खुशी से की जा सकती हैशिवसेना ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य के शासन तंत्र का प्रयोग किसी के भी खिलाफ साजिश रचने के लिए नहीं कियाजाएगा। सामना में कहा गया, इस वक्त जब देश भर के प्रमुख नेता दिल्ली के शासकों के सामने घटने टेक रहे हैं. ऐसे में उद्धव ठाकरे ही हैं जो दवाब की इस तरह की चालों के सामने झुके नहीं। उन्होंने अपने गौरव से समझौता नहीं किया और उन लोगों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया जिन्होंने उनसे झठ बोला। संपादकीय में कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेनाराकांपा-कांग्रेस सरकार को यह कह कर कोसा था कि तीन पहियों पर टिका शासन नहीं चल सकता लेकिन यह उनका भ्रम है। मराठी प्रकाशन ने कहा, राज्य के विकास को लेकर तीनों दलों में किसी तरह का कोई भ्रम नहीं है।
शिवसेना ने शरद पवार की तारीफ में पढे कसीदे